मनमोहन जी कोयला खा गये, लालू खा गये चारा,
सारे जहाँ से अच्छा, लोकतंत्र हमारा
घोटाले के रेलमंत्री कहते, भांजा नही हमारा,
महगाई की मार से रोता, आम आदमी सारा
सज्जन कुमार को बरी करके, कहते है निर्दोष बेचारा,
भारत को लूटने के चक्कर मे, राहुल रहा कुवारा
फोन काल अब सस्ती हो गयी, दाल का चढ गया पारा,
घोटालो पे घोटाला करके, कहते दोष नही हमारा
राजनीति के चक्कर मे, शहीद हुआ सरबजीत बेचारा,
आईपीएल की धूम मची है, काम छोड गये सारा
नेता जी यह देख रहे है, किसने छक्का मारा,
चारो तरफ लूट मची है, देश बेच गये सारा
जात पात के चक्कर का है, वोट बैंक ये सारा,
हिन्दु मुस्लिम के चक्कर मे, हर हिंदुस्तानी हारा
!!! सारे जहाँ से अच्छा लोकतंत्र हमारा !!!
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